क्या एमपॅाक्स से हो सकता है जान का खतरा? जानिए एमपॅाक्स का इलाज

एमपॅाक्स (Mpox) मंकीपॅाक्स वायरस से फैलने वाली बीमारी है। यह एक वायरल बीमारी है। ये वायरस या तो किसी संक्रमित जानवर या फिर किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है।

ये बीमारी इस समय दुनिया भर के कई देशों में फैल रही है। पड़ोसी देशों में इस वायरस के दस्तक देने से अब भारत सरकार भी इससे निपटने के लिए पहले से ही तैयार हो गई है।

क्या एमपॅाक्स का इलाज संभव है?

इस बीमारी का संक्रमण तेजी से लोगों में फैल रहा है। भारतीय डॉक्टरों का कहना है कि इस बीमारी का इलाज एंटीबायोटिक्स के जरिए करना संभव नही है। एंटीबायोटिक्स दवाइयों के जरिए हम सिर्फ बैक्टीरियल इन्फेक्शन का इलाज कर सकते है। इसलिये इन दवाइयों से वायरस पर कोई असर नहीं होगा। लेकिन इसका इलाज एन्टीवायरल दवाओं से संभव है।

एमपॅाक्स

अगर एमपॅाक्स के लक्षण किसी भी व्यक्ति में दिखाई देते हैं तो उसका बुखार कम करने के लिए उसे पैरासिटामॉल दी जाती है जोकि बुखार को कम करती है और रोगी के शरीर को हाइड्रैट रखने की सलाह दी जाती है। यदि आपकी त्वचा पर किसी प्रकार के फफोले और घाव पड़ जाते हैं तो अपने नजदीकी डॉक्टर से सलाह लेकर किसी एंटीसेप्टिक क्रीम या लोशन लगाने की सलाह ले।

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कैसे करे इस वायरस की जांच?

हाल ही में भारत में इस वायरस की जांच के लिए पहली RT PCR किट लॉन्च हुई है। इसके द्वारा हम आसानी से इस बीमारी का पता लगा सकेंगे। इस किट को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा मान्यता मिली है। ये किट जल्दी ही स्वास्थ्य विभागों के पास पहुच जाएगी। इस किट को ErbaMDX ब्रांड का नाम देकर लॉन्च किया गया है।

इस किट को सेंट्रल ड्रग स्टेंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन के द्वारा इमरजेंसी अप्रूवल दिया गया है और इस किट को आंध्रप्रदेश की एक रिसर्च बॉडी मेडटेक ज़ोन द्वारा बनाया गया है।

एमपॅाक्स के संकेत और लक्षण क्या है?

इस वायरस से संपर्क में आने के बाद कुछ दिनों या कुछ हफ्तों में आपको इसके लक्षण देखने को मिल जाएंगे। एमपॅाक्स के कुछ लक्षण –

  • बुखार
  • सूजी हुई लिम्फ़ नोड्स
  • ठंड लगना
  • सिर दर्द
  • मांशपेशियों में दर्द
  • थकान

शरीर में दाने होना शुरू होते हैं जोकि दर्द करते हैं। ये दाने कुछ दिनों में फफोलों में बदल जाते हैं जिनमे मवाद भर जाता है। ये सब लगभग दो से चार हफ्तों तक चलती है। आपके मुंह, चेहरे, हाथ, पैर, लिंग, योनि या गुदा पर घाव हो सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें की ये सभी लक्षण एक साथ हर व्यक्ति में नही होते हैं।

जितना अधिक हो सके आप इस बीमारी से दूर रहे और इसके लिए संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से बचें। अपने हाथों को बार बार धोए और भीड़ भाड़ वाले स्थानों से दूर रहे क्योंकि एमपॅाक्स के शुरुआती लक्षण फ्लू की तरह होते हैं। अगर आपको किसी भी तरीके के लक्षण दिखाई देते है तो आप अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अच्छे डॉक्टर को दिखा दें।

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